पेशाब या शौच करने का तौर-तरीका
विवरण: इस्लाम एक सर्वव्यापी धर्म होने के नाते कोई छेत्र नहीं छोड़ता है। यहां तक कि पेशाब या शौच करने का तौर-तरीका भी पैगंबर मुहम्मद (उन पर शांति हो) ने बताया है और एक मुसलमान की स्वच्छता और शालीनता की भावना से जुड़ा हुआ है।
द्वारा Imam Mufti
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
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उद्देश्य
·पैगंबर (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) द्वारा बताया गया पेशाब या शौच करने का तौर-तरीका सीखना।
अरबी शब्द
·क़िबला - जिस दिशा की और रुख कर के औपचारिक प्रार्थना (नमाज) करी जाती है।
·वूदू - वुज़ू।
·सलाम - इस्लामी अभिवादन जैसे 'अस-सलामु अलैकुम'।
पेशाब या शौच करने जैसी सांसारिक चीज एक मुसलमान की स्वच्छता और शील की भावना से जुड़ी है। इसके बारे में कुछ भी अजीब या अलग नहीं है, क्योंकि इस्लाम में सचमुच सभी चीजें शामिल है, कुछ ऐसा जो कुछ लोगों में सुखद आश्चर्य पैदा करता है। पैगंबर के समय में भी, एक बहुदेववादी था जिसने सलमान फारसी से विस्मय के साथ कहा, "आपके पैगंबर ने आपको सब कुछ सिखाया है, यहां तक कि शौच कैसे करना है!" सलमान ने जवाब दिया, ''हां, उन्होंने हमें पेशाब या शौच करते समय मक्का की दिशा की ओर मुंह करने से मना किया है...”[1]
इस पाठ में हम पेशाब या शौच करने के तौर-तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो कि स्पष्ट रूप से मामूली है, लेकिन व्यक्तिगत स्वच्छता और धार्मिक पालन के बारे में बहुत कुछ बताता है।
(ए) पेशाब या शौच करने से पहले प्रार्थना
कुछ प्रार्थनाएं हैं जिन्हें पेशाब या शौच करने वाले स्थान में प्रवेश करते या वापस आते समय पढ़ना चाहिए, चाहे वह बाथरूम में हो या बाहर प्रकृति में।
(ए) व्यक्ति को प्रवेश करने से पहले "बिस्मिल्लाह" (मैं शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से) कहना चाहिए, क्योंकि अल्लाह के दूत ने कहा:
“जिन्न की आंखें आदम के पुत्रों की नग्नता को देखने से अवरुद्ध हो जाती हैं, जब उनमें से कोई पेशाब या शौच करने वाली जगह में प्रवेश करने से पहले ' बिस्मिल्लाह' कहता है।” (अल-तिर्मिज़ी)
(बी) अल्लाह-हम्मा इनी आऊज़ो बीका मिन अल-खुबुथी वल-खबाईथ।
“ऐ अल्लाह, मैं नर और मादा शैतानों से आपकी शरण चाहता हूं।” (अबू दाउद , अल-तिर्मिज़ी)
अपने बाएं पैर से प्रवेश करें।
(बी) शौचालय के अंदर
क़िबला की दिशा
एक मुसलमान को पेशाब करते या शौच करते समय क़िबला[2] की ओर मुंह नहीं करना चाहिए। अल्लाह के दूत ने कहा:
“जब आप में से कोई भी पेशाब या शौच करने के लिए बैठता है, तो उसे क़िबला की ओर मुंह नही करना चाहिए और न ही उसकी ओर पीठ करना चाहिए।” (सहीह मुस्लिम)
आड़
पेशाब या शौच करते समय हमें स्वयं को दूसरों की नजरों से छिपाना चाहिए। अल्लाह के दूत ने ऊंची जमीन या खजूर के बगीचे के पीछे जाना चुना।[3] यदि कोई व्यक्ति खुले में है और पेशाब या शौच करने के लिए उसे छिपने के लिए कुछ भी नहीं मिल रहा है, तो उसे सार्वजनिक दृष्टि से दूर हो जाना चाहिए। पैगंबर के साथी ने बताया कि कैसे वह एक यात्रा पर पैगंबर के साथ थे, और जब पैगंबर को पेशाब या शौच आवश्यकता महसूस हुई, तो वे बहुत दूर चले गए।[4]
जब घर से बाहर हों तो किसी को अपने निजी अंगों को तब तक नहीं खोलना चाहिए जब तक कि वे जमीन पर न बैठ जाएं, क्योंकि इससे अधिक छिप जाता है।[5] घर के अंदर, पहले सुनिश्चित करें कि आपने दरवाज़ा बंद कर दिया है और आप को कोइ नहीं देख सकता है।
(सी) पेशाब या शौच करना
बैठना
घर से बाहर हों तो बैठकर पेशाब या शौच करना सर्वोत्तम है। ऐसी मुद्रा मे बैठना बेहतर है जो अधिक छुपाने वाली हो, जिससे स्वयं पर या कपड़ों पर कोई छींटे न आये। यदि आवश्यकता हो और व्यक्ति को छींटे पड़ने का भय न हो, तो खड़े होकर पेशाब करना जायज़ है।
छींटे
स्वयं को और अपने कपड़ों को मूत्र के छींटों से बचने के लिए बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। यदि मूत्र या मल शरीर या कपड़ों के किसी हिस्से पर लग जाये, तो उन हिस्सो को भी धोना चाहिए, और उनमें से अशुद्धता को पूरी तरह से हटा देना चाहिए। अल्लाह के दूत दो कब्रों से गुजरे, और कहा:
“वास्तव में उन्हें दंडित किया जा रहा है, लेकिन कुछ ऐसे के लिए जो उन्हें तुच्छ लगता था: एक स्वयं को पेशाब से नहीं बचाता था, और दूसरा दुर्भावनापूर्ण अफ़वाह फैलाता था।” (सहीह अल-बुखारी)
निषिद्ध स्थान
इस्लाम उन जगहों पर पेशाब करने से मना करता है जहां से लोग गुजर सकते हैं, या वहां छाया की तलाश कर सकते हैं जैसे पार्क, क्योंकि यह लोगों को परेशान करने वाला है। पैगंबर ने कहा, "उन दो चीजों से डरो जिनसे शाप मिलता है।" लोगों ने पूछा, "ऐ अल्लाह के दूत, वे कौन सी दो चीजें हैं जो शाप देती हैं?" पैगंबर ने कहा:
“जब कोई व्यक्ति उस सड़क पर पेशाब या शौच करता है जहां लोग चलते हैं या उस स्थान पर जहां वे छाया खोजते हैं।" (अबू दाऊद)
इसके अलावा, रुके हुए पानी में पेशाब करना मना है, क्योंकि यह अल्लाह के दूत द्वारा मना किया गया था।[6] यह स्पष्ट रूप से पानी को अशुद्ध बनाता है और इसका उपयोग करने वालों को परेशान करेगा।
बातचीत
पेशाब या शौच करने वाले व्यक्ति को 'अस-सलामु अलैकुम' न कहें, या स्वयं पेशाब या शौच करते समय ईश्वर के नाम के सम्मान में 'वा अलैकुम अस्सलाम' न कहें। अल-सलाम अल्लाह के खूबसूरत नामों में से एक है।
एक बार पैगंबर जब पेशाब कर रहे थे तो एक आदमी उनके पास से गुजरा और सलाम के साथ उसका अभिवादन किया। अल्लाह के दूत ने उससे कहा:
“यदि आप मुझे इस अवस्था में देखते हैं, तो मुझे अभिवादन न करें, क्योंकि यदि आप करते हैं, तो मैं जवाब नहीं दूंगा।" (इब्न माजा)
पेशाब या शौच करते समय बेवजह बोलना सही नहीं है।
मूत्रालय
चार कारणों से मूत्रालयों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। सबसे पहला, कोई गोपनीयता नहीं होती है। गुप्तांग दिख जाते हैं, जो अशोभनीय और वर्जित है। दूसरा, छींटो से बचना लगभग असंभव है। तीसरा, कोई टॉयलेट पेपर नहीं होता है। चौथा, लोग कभी-कभी पेशाब करते समय बात करते हैं, जिसे शौचालय के अंदर आते ही छोड़ देना चाहिए!
(डी) सफाई विधि
(ए) बाएं हाथ का उपयोग करना
पैगंबर की पत्नी हफ्सा ने बताया कि वह अपने दाहिने हाथ का इस्तेमाल खाने, पीने, वुज़ू करने, कपड़े पहनने और देने और लेने के लिए करते थे; और वह अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल दूसरे कामों के लिए करते थे।[7]
पेशाब करते समय लिंग को दाहिने हाथ से नहीं छूना चाहिए, क्योंकि पैगंबर ने कहा:
“जब तुम में से कोई पेशाब करे तो वह अपना लिंग को अपने दाहिने हाथ से न पकड़े और न ही अपने दाहिने हाथ से साफ करे।" (सहीह अल-बुखारी)
मल या मूत्र की सफाई करते समय आपको दाहिने हाथ से पोंछने की अनुमति नहीं है; इस काम के लिए बाएं हाथ का उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि पैगंबर ने कहा:
“जब तुम में से कोई अपने आप को पोंछे, तो वह अपने दाहिने हाथ का उपयोग न करे।" (सहीह अल-बुखारी)
(बी) सामग्री
टॉयलेट पेपर या पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। दोनों का उपयोग करना बेहतर है। पेशाब या शौच करने के बाद सभी अशुद्धियों को सावधानी से हटाएं, क्योंकि पैगंबर ने पेशाब करने के बाद खुद को साफ करने में लापरवाही बरतने के खिलाफ चेतावनी दी थी:
“कब्र की अधिकांश सजा मूत्र की वजह से मिलेगी।” (इब्न माजा)
(सी) किसी भी अशुद्धता को तीन या अधिक बार धोना या मिटाना चाहिए, और यह बेहतर है कि इसे साफ करने के लिए जो कुछ भी आवश्यक हो वह एक विषम संख्या में होना चाहिए, क्योंकि पैगंबर ने कहा:
“जब आप में से कोई भी खुद को साफ करे तो एक विषम संख्या मे करें।" (अहमद)
हाथ धोने के बारे मे
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, चार खाद्य जनित बीमारियों में से एक, कई अन्य बीमारियों के अलावा, बिना धुले या अपर्याप्त रूप से धुले हांथो के कारण होता है। यह न केवल आसान काम है, बल्कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हाथ धोना नंबर एक तरीका माना जाता है। अगर स्वास्थ्य अधिकारी आग्रह कर रहा है तो मुसलमानों को ऐसा करने के लिए और कितना ध्यान देना चाहिए? सेंटर्स ऑफ़ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, हाथ अच्छी तरह धोने के लिए तीन प्रमुख तत्वों की आवश्यकता होती है: साबुन, बहता पानी और घर्षण। सक्रिय रूप से अपने हाथों और उंगलियों को साबुन से रगड़ें, झाग बनाएं जो आपके हाथों की सभी सतहों (आपकी उंगलियों सहित और आपके नाखूनों के नीचे) को कम से कम दस से पंद्रह सेकंड तक कवर करे। इसके बाद बहते पानी के नीचे अच्छी तरह से धोयें। अंगूठियों और लंबे नाखूनों पर ध्यान दें, इसमें बैक्टीरिया और गंदगी फंसते हैं। अपने हाथों को दोबारा दूषित होने से बचाने के लिए, नल को बंद करने से पहले इसे पानी या एक साफ कागज़ के तौलिये से धो लें। बेहतर होगा कि नल को चालू करने के लिए दूषित हाथ का उपयोग न करें। फिर अपने हाथों को एयर ड्रायर या नए डिस्पोजेबल तौलिये से सुखाएं।
(ई) शौचालय से निकलने पर प्रार्थना
शौचालय से बाहर निकलते समय, दाहिने पैर से बाहर निकलें और कहें:
गुफरानक "मैं आपकी क्षमा चाहता हूं।” (अबू दाउद, अल-तिर्मिज़ी)
पिछला पाठ: नमाज़ के चिकित्सा लाभ
अगला पाठ: माहवारी
- आओ मुहम्मद के बारे मे जानें (2 का भाग 1)
- आओ मुहम्मद के बारे मे जानें (2 का भाग 2)
- पवित्र क़ुरआन का संरक्षण
- प्रार्थना (नमाज) का महत्व
- अनुष्ठान स्नान (ग़ुस्ल) का शिष्टाचार
- वुज़ू (वूदू)
- नए मुसलमानों के लिए प्रार्थना (2 का भाग 1): प्रार्थना करने से पहले
- नए मुसलमानों के लिए प्रार्थना (2 का भाग 2): प्रार्थना का विवरण
- प्रार्थना के आध्यात्मिक लाभ
- नमाज़ के चिकित्सा लाभ
- पेशाब या शौच करने का तौर-तरीका
- माहवारी
- इस्लाम के आहार कानून का परिचय
- मुस्लिम परिवार से परिचय (2 का भाग 1)
- मुस्लिम परिवार से परिचय (2 का भाग 2)
- ईश्वर के प्रति प्रेम और उसे कैसे प्राप्त करें (2 का भाग 1)
- ईश्वर के प्रति प्रेम और उसे कैसे प्राप्त करें (2 का भाग 2)
- उपवास का परिचय
- उपवास कैसे करें
- ईद और रमजान की समाप्ति
- अल्लाह कहां है?
- इब्राहिम (2 का भाग 1)
- इब्राहिम (2 का भाग 2)
- सूरह अल-फातिहा की सरल व्याख्या
- क़ुरआन के तीन छोटी सूरह की सरल व्याख्या