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तकवा के फल (2 का भाग 1)

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विवरण: तकवा का अर्थ और तकवा रखने के कुछ लाभों की रूपरेखा।

द्वारा Aisha Stacey (© 2014 NewMuslims.com)

प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022

प्रिंट किया गया: 28 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 2,911 (दैनिक औसत: 4)


उद्देश्य:

·तक़वा शब्द का अर्थ समझना और तक़वा की अवधारणा और इसमें क्या शामिल है, इसका कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त करना

अरबी शब्द:

·इहसन - पूर्णता या उत्कृष्टता। इस्लामी रूप से, यह अल्लाह की पूजा करना है जैसे मानो आप अल्लाह को देख रहे हैं। अल्लाह को कोई नहीं देख सकता है, लेकिन यह समझना कि अल्लाह सब कुछ देख रहा है।

·सहाबा - "सहाबी" का बहुवचन, जिसका अर्थ है पैगंबर के साथी। एक सहाबी, जैसा कि आज आमतौर पर इस शब्द का प्रयोग किया जाता है, वह है जिसने पैगंबर मुहम्मद को देखा, उन पर विश्वास किया और एक मुसलमान के रूप में मर गया।

·शैतान - यह इस्लाम और अरबी भाषा में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है जो शैतान यानि बुराई की पहचान को दर्शाता है।

·तक़वा - अल्लाह का खौफ या डर, धर्मपरायणता, ईश्वर-चेतना। यह बताता है कि व्यक्ति जो कुछ भी करता है उसे अल्लाह देख रहा है।

तक़वा क्या है?

FruitsofTaqwa.jpgतकवा एक अरबी शब्द है जिसका आसानी से हिंदी के एक या दो शब्दों में अनुवाद नहीं हो सकता है। इसे अक्सर ईश्वर-चेतना के रूप में परिभाषित किया जाता है, लेकिन कभी-कभी इसका अनुवाद ईश्वर की भक्ति या भय के रूप में किया जाता है। तक़वा मूल अक्षरों से बना है जिसका अर्थ है 'ढाल बनाना'। इस प्रकार इस्लामी रूप से तकवा का एक अलग अर्थ होता है। कुछ विद्वानों के अनुसार तक़वा अल्लाह की उपस्थिति और उसके ज्ञान के प्रति सचेत रहना है और इस प्रकार अच्छे काम करना और निषिद्ध कामो से बचना है। प्रख्यात इस्लामी विद्वान इब्न रजब ने कहा कि तक़वा का सार अपने लिए एक ढाल बनाना है जो अल्लाह के क्रोध या दंड से रक्षा करेगा।

“ऐ विश्वासिओं! अल्लाह से ऐसे डरो, जो वास्तव में, उससे डरना हो तथा तुम्हारी मौत इस्लाम पर रहते हुए ही आनी चाहिए।”(क़ुरआन 3:102)

यह समझकर कि यह जीवन एक क्षणिक स्थान से अधिक कुछ नहीं है और परलोक की हमारी यात्रा का मात्र एक पड़ाव है, व्यक्ति तक़वा प्राप्त करने में सक्षम होता है और इस प्रकार इसके कई फलों से लाभान्वित होता है। महान सहाबी और इस्लाम के चौथे सही मार्गदर्शित खलीफा अली इब्न अबी तालिब ने कहा, "दुनिया (यह जीवन) बीत रही है और परलोक आ रहा है, और इन दोनों में से प्रत्येक के अपने साधक हैं; तो, उन लोगों में से हो जाओ जो परलोक की तलाश करते हैं, न कि उन लोगों में से जो इस जीवन के आकर्षण की तलाश करते हैं! आज (अच्छे या बुरे) कर्म है, लेकिन हिसाब नहीं है, और कल हिसाब होगा, लेकिन वहां कोई कर्म नहीं होगा।[1]

तक़वा रखने के फायदे (या फल)

·अल्लाह का तक़वा होने से इस दुनिया में इंसान के मामले आसान हो जाते हैं। तक़वा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अल्लाह तक़वा रखने वाले व्यक्ति या तक़वा के लिए ईमानदारी से संघर्ष करने वाले व्यक्ति को इस जीवन में मन की शांति और संतोष देता है। उसको कोई चिंता या शोक नहीं होगा।

“... तथा जो अल्लाह से डरेगा, अल्लाह उसके लिए उसका कार्य सरल कर देगा।” (क़ुरआन 65:4)

“फिर जिसने दान दिया और भक्ति का मार्ग अपनाया, और भली बात की पूष्टि करता रहा, तो हम उसके लिए सरलता पैदा कर देंगे।” (क़ुरआन 92:5-7)

·तक़वा कठिनाई से बाहर निकलने के लिए रास्ता देता है। इंसान का एक कार्य अपनी समस्याओं और कठिनाइयों से बचने का रास्ता खोजना है। लोग समाधान ढूंढते हैं और परिवार और दोस्तों से सलाह मांगते हैं और अखबार के कॉलम मे भी सलाह लेते हैं। गंभीर तनाव के समय में कुछ लोग इससे बचने के लिए ड्रग्स लेते हैं या शराब पीते हैं, लेकिन तक़वा होने का मतलब है कि हर समय के लिए हमारे पास सबसे बड़ी सलाह है। क़ुरआन में अल्लाह के शब्द और उनके दूत पैगंबर मुहम्मद की सलाह। तकवा सभी दुविधाओं और समस्याओं को हल करने की कुंजी है।

“... और जो कोई डरता हो अल्लाह से, तो वह बना देगा उसके लिए कोई निकलने का उपाय।” (क़ुरआन 65:2)

·तक़वा वाला व्यक्ति अच्छे काम करता है और इन कामो को अल्लाह स्वीकार करता है और प्यार करता है। तक़वा प्रेरक शक्ति है; यह एक व्यक्ति को धार्मिकता की ओर ले जाता है क्योंकि तक़वा वाले जानते हैं कि अल्लाह आंतरिक उद्देश्यों और बाहरी कार्यों को देखता है। इहसन से तक़वा बढ़ता है और यह तब बढ़ता है जब कोई प्रार्थना, उपवास, चिंतन और अल्लाह की याद जैसे अच्छे काम करता है।

“ऐ विश्वासिओं! अल्लाह से डरो तथा सही और सीधी बात बोलो। वह सुधार देगा तुम्हारे लिए तुम्हारे कर्मों को तथा क्षमा कर देगा तुम्हारे पापों को और जो अनुपालन करेगा अल्लाह तथा उसके दूत का, तो उसने बड़ी सफलता प्राप्त कर ली।” (क़ुरआन 33:70-71)

“वास्तव में अल्लाह आज्ञाकारों ही से स्वीकार करता है।” (क़ुरआन 5:27)

·तक़वा शैतान से सुरक्षा प्रदान करता है। जब शैतान किसी विश्वासी के पास जाकर बुरे काम को अच्छा बना के पेश करता है, तो तक़वा एक ढाल के रूप में कार्य करता है और व्यक्ति को बुराई से बचाता है।

“वास्तव में, जो आज्ञाकारी होते हैं, यदि शैतान की ओर से उन्हें कोई बुरा विचार आ भी जाये, तो तत्काल चौंक पड़ते हैं और फिर अकस्मात् उन्हें सूझ आ जाती है।” (क़ुरआन 7:201)

·अल्लाह की इच्छा से तकवा किसी की जीविका को बढ़ाता है और आर्थिक समृद्धि प्रदान करता है। मानवजाति जीविका बढ़ाने और जीवन को सुविधाजनक और समृद्ध बनाने के तरीकों को लगातार ढूंढता रहता है। कभी-कभी हम अपनी उत्सुकता में हम यह भूल जाते हैं कि केवल अल्लाह ही है जो न केवल हमें बल्कि ब्रह्मांड और इसमें जो कुछ भी मौजूद है उसका प्रदाता और पालनकर्ता है। यदि हम वास्तव में अपने प्रावधानों में वृद्धि चाहते हैं, तो उसे प्राप्त करने का साधन तक़वा है। अल्लाह ने हमें बताया है कि उन लोगों के लिए क्या उपलब्ध है जिनके पास तक़वा है और जो अल्लाह पर भरोसा रखते हैं।



फुटनोट:

[1] सहीह अल-बुखारी

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