वैध कमाई
विवरण: यह पाठ जायज आजीविका अर्जित करने के महत्व की व्याख्या करता है, और नाजायज कमाई के कुछ प्रमुख तरीकों को बताता है।
द्वारा Imam Mufti (© 2014 NewMuslims.com)
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
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उद्देश्य
·हलाल आय अर्जित करने के छह कारण जानना।
·'बरकत' की अवधारणा को समझना।
·इस सिद्धांत को समझना: "सांसारिक मामलों में सब कुछ की अनुमति है सिवाय विशेष रूप से निषिद्ध चीज़ों के और धार्मिक मामलों में केवल उसी की अनुमति है जिसका प्रमाण है।”
·हराम आय के कुछ प्रमुख स्रोतों को जानना।
अरबी शब्द
·बरकत - वृद्धि, आशीर्वाद।
·हदीस - (बहुवचन - हदीसें) यह एक जानकारी या कहानी का एक टुकड़ा है। इस्लाम में यह पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों के कथनों और कार्यों का एक वर्णनात्मक रिकॉर्ड है।
·हलाल - अनुमेय।
·हराम - निषिद्ध या वर्जित।
·रिबा - ब्याज।
·सुन्नत - अध्ययन के क्षेत्र के आधार पर सुन्नत शब्द के कई अर्थ हैं, हालांकि आम तौर पर इसका अर्थ है जो कुछ भी पैगंबर ने कहा, किया या करने को कहा।
एक मुसलमान के लिए धन निर्माता के अनगिनत आशीर्वादों में से एक है। यह एक आशीर्वाद है, कुछ ऐसा जिससे इस जीवन में आनंद ले सकते हैं, जब तक कि इसका उपयोग अल्लाह द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर और परिवार सहित दूसरों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाए।
“धन और पुत्र सांसारिक जीवन की शोभा हैं...” (क़ुरआन 18:46)
इसके साथ ही, धन एक परीक्षा हो सकता है यह देखने के लिए कि कौन आभारी है और कौन इस आशीर्वाद में व्यस्त है और देने वाले को भूल गया है। संक्षेप में, अल्लाह जिसे चाहता है उसे परीक्षा के रूप में समृद्धि प्रदान करता है।
“तथा जान लो कि तुम्हारा धन और तुम्हारी संतान एक परीक्षा हैं तथा ये कि अल्लाह के पास बड़ा प्रतिफल है।” (क़ुरआन 8:28)
जैसे स्कूल में किसी परीक्षा के दौरान हम पूरी तरह से सतर्क रहते हैं कि हम कैसा प्रदर्शन करते हैं, उसी तरह जब हम नौकरी करते हैं, व्यवसाय करते हैं, या किसी अन्य तरीके से अपनी आजीविका कमाते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अल्लाह द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर ऐसा करें। हमें आय के उन स्रोतों से बचना चाहिए जो इस्लाम में वर्जित हैं।
कारण कि क्यों हमें अपनी आय के स्रोत पर ध्यान देना चाहिए
हमें प्रेरित करने के लिए कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
1.हलाल आय अर्जित करके हम अल्लाह के पैगंबरो के नक्शेकदम पर चलते हैं। क़ुरआन में अल्लाह कहता है, "हे दूतों! खाओ स्वच्छ चीज़ों में से तथा अच्छे कर्म करो, वास्तव में, मैं उससे, जो तुम कर रहे हो, भली-भांति अवगत हूं" (क़ुरआन 23:51)। 'अच्छी चीजें' खाने का मतलब हलाल खाना है। इसके अलावा, पैगंबर मुहम्मद ने कहा,
“सर्वशक्तिमान अल्लाह शुद्ध है और केवल वही स्वीकार करता है जो शुद्ध होता है। और निश्चय ही अल्लाह ने ईमानवालों को वह करने की आज्ञा दी है, जिसकी आज्ञा उसने दूतों को दी है। इसलिए सर्वशक्तिमान ने कहा है:
‘हे दूतों! खाओ स्वच्छ चीज़ों में से तथा अच्छे कर्म करो’ (क़ुरआन 23:51)
और सर्वशक्तिमान ने कहा है:
‘ऐ विश्वासियों! उन स्वच्छ चीज़ों में से खाओ, जो हमने तुम्हें दी हैं’ (क़ुरआन 2:172)”[1]
2.हलाल आमदनी से हलाल खाना खाने से व्यक्ति स्वर्ग मे जाता है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा, "जो कोई भी अच्छा और शुद्ध खाता है और सुन्नत के अनुसार काम करता है, और लोगों को नुकसान नही पहुंचता है, वह स्वर्ग में प्रवेश करेगा।”[2]
3.व्यक्ति अपनी जगह से तब तक नहीं हटेगा जब तक कि वह अल्लाह को जवाब न दे कि उसने अपनी आय कहां से अर्जित की है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा, "आदम के बेटे के पैर तब तक नहीं चलेंगे जब तक कि उससे पांच चीजों के बारे में न पूछ लिया जाए: उसके जीवन के बारे में और उसने इसके साथ क्या किया, उसकी जवानी के बारे में और उसने इसे कैसे जिया, उसके धन के बारे में और उसने इसे कैसे कमाया और कहां ख़र्च किया, और जो कुछ वह जानता था उससे उसने क्या किया।”[3]
4.हलाल आय से खाने, पीने और कपड़े पहनने वाले व्यक्ति की प्रार्थना का उत्तर दिया जाता है। एक हदीस का उल्लेख है, "... फिर पैगंबर ने (अल्लाह की दया और आशीर्वाद उस पर हो) एक आदमी के मामले के बारे मे बताया, जो दूर की यात्रा कर के आया था, अस्त-व्यस्त और धूल से भरा हुआ है, और वह अपने हाथों को आकाश में फैलाता है 'ऐ ईश्वर! ऐ ईश्वर!, जबकि उसका भोजन हराम (गैरकानूनी) है, उसका पीना हराम है, उसके कपड़े हराम हैं, और वह हराम से पला है, तो उसकी प्रार्थना का उत्तर कैसे दिया जा सकता है?!”[4]
5.पैगंबर ने भविष्यवाणी की थी कि किसी की आय के प्रति एक ढीला रवैया अंत समय का संकेत है। उन्होंने कहा, 'एक समय आएगा जब एक आदमी को इस बात की परवाह नहीं होगी कि उसका धन कहां से आ रहा है, चाहे वह (स्रोत) हलाल हो या हराम।’[5]
6.हलाल आय अल्लाह का आशीर्वाद है। आशीर्वाद की अवधारणा को इस्लाम में 'बरकत' कहा जाता है। 'बरकत' व्यक्ति पर अल्लाह की वो कृपा है जिसे आप देख नहीं सकते। वह सब कुछ जिसमें बिना किसी सूचना के वृद्धि देखी जा सकती है, आशीर्वाद है; इसमें 'बरकत' है। हलाल आय को इस तरह से आशीर्वाद दिया जाता है कि आपके खर्च कम हो जाते हैं। यदि आपकी आय हलाल नहीं है, तो आपके खर्चे अनपेक्षित हो सकते हैं। आपको हराम के स्रोतों से अधिक धन प्राप्त हो सकता है, लेकिन उन अप्रत्याशित खर्चों पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है।
हराम आय के प्रमुख स्रोत
हलाल आय अर्जित करना एक आस्तिक का आर्थिक संघर्ष है, और इसे एक धार्मिक दायित्व के रूप में किया जाना चाहिए। इस प्रकार, एक मुसलमान को हलाल नौकरी और व्यवसायों में लगना चाहिए।
एक इस्लामी नियम है जो कहता है कि उन सभी सांसारिक मामलों की अनुमति है, इसमे नौकरी और व्यवसाय शामिल हैं, जो विशेष रूप से निषिद्ध न हों। दूसरी ओर, धार्मिक मामलों में उन सब चीज़ की अनुमति नही है जिसका इस्लामी प्रमाण न हो। इस सिद्धांत के आधार पर, निम्नलिखित प्रमुख अपवादों के साथ अधिकांश नौकरियों और व्यवसायों की अनुमति है:
1.रिबा (ब्याज), जुआ, अश्लील साहित्य और शराब हराम हैं, और इन उद्यमों में शामिल होने का वित्तीय पुरस्कार कितना भी आकर्षक क्यों न हो, एक मुसलमान को उनसे बचना चाहिए। ऐसी कंपनी में काम करने की भी अनुमति नहीं है जिसका मुख्य व्यवसाय रिबा (एक पारंपरिक बैंक की तरह) या जुआ (कैसीनो की तरह) है। इसी तरह, ऐसी कंपनियों के शेयरों में व्यापार करने की अनुमति नहीं है।
2.वेश्यावृत्ति हराम है। इसी तरह, इस्लाम यौन उत्तेजक नृत्य या कामुक गतिविधियों, जैसे कि अश्लील गाने, या यौन उत्तेजक सामग्री लिखने या उत्पादन करने की अनुमति नहीं देता है। नाइट क्लब या डांस हॉल में काम करना प्रतिबंधित है। संगीत वाद्ययंत्र बेचने और बनाने की भी अनुमति नहीं है।
3.सूअर, मूर्तियों, प्रतिमा, या इस तरह की किसी भी चीज़ का व्यापार करना हराम है, जिसका सेवन और उपयोग इस्लाम में निषिद्ध है। इस्लाम मूर्तियों के अधिग्रहण और उससे भी अधिक दृढ़ता से उनके निर्माण पर रोक लगाता है।
4.नशीला पदार्थ और ड्रग्स बनाना। इस्लाम मादक पेय पदार्थों के प्रचार में किसी भी तरह की भागीदारी को प्रतिबंधित करता है, चाहे वह उनके निर्माण, वितरण या उपभोग में हो, और जो कोई भी इनमें से किसी में भाग लेता है उसे अल्लाह के दूत द्वारा शापित किया जाता है। बार, शराब की दुकान या मादक पेय बनाने वाली कंपनी में काम करने की भी अनुमति नहीं है।
5.अन्याय के समर्थन में या हराम को बढ़ावा देने में की गई कोई भी सेवा निषिद्ध है। मुसलमानों के लिए खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ लड़ने वाली सेना में अधिकारी या सैनिक होना जायज़ नहीं है, न ही किसी ऐसे निगम या कारखाने में काम करना जो मुसलमानों के खिलाफ इस्तेमाल होने के लिए हथियार बनाती है, और न ही ऐसे संगठन में जो इस्लाम के खिलाफ है और उनके अनुयायियों से लड़ता है।
यदि आपकी परिस्थिति विशेष है और आप स्पष्टीकरण चाहते हैं, तो कृपया एक प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान से परामर्श लें।
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