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नए मुसलमानों के लिए प्रार्थना (2 का भाग 2): प्रार्थना का विवरण

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विवरण: प्रार्थना के संबंध में इस्लामी विधिशास्त्र जिसे पूरा किया जाना चाहिए प्रार्थना को वैध या सुशोभित करने के लिए।

द्वारा NewMuslims.com

प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022

प्रिंट किया गया: 23 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 3,143 (दैनिक औसत: 4)


आवश्यक शर्तें

·हाल ही में परिवर्तित हुए लोग कैसे प्रार्थना करें (2 भाग)

उद्देश्य

·2, 3 और 4 इकाइयों (रकात) वाली प्रार्थना (नमाज़) का विवरण जानना

·प्रार्थना (नमाज) के सबसे महत्वपूर्ण शब्दों को याद करना

अरबी शब्द

·नमाज - आस्तिक और अल्लाह के बीच सीधे संबंध को दर्शाने के लिए अरबी का एक शब्द। अधिक विशेष रूप से, इस्लाम में यह औपचारिक पाँच दैनिक प्रार्थनाओं को संदर्भित करता है और पूजा का सबसे महत्वपूर्ण रूप है।

·रकात - प्रार्थना की इकाई।

·क़िबला : जिस दिशा की और रुख कर के औपचारिक प्रार्थना (नमाज) करी जाती है।

·फज्र, जुहर, अस्र, मगरिब, ईशा - इस्लाम में पांच दैनिक प्रार्थनाओं के नाम।

·तशहुद - प्रार्थना की बैठने की स्थिति में "अत-तहिया-यतु लिल-लाही… मुहम्मदन 'अब्दुहु व रसूलुह' पढ़ना।

·तकबीर - "अल्लाहु अकबर" का उच्चारण करना।

·फातिहा - क़ुरआन का शुरुआती अध्याय जो प्रार्थना के हर रकात में पढ़ा जाता है।

प्रार्थना

पैगंबर ने हमें आदेश दिया है:

“प्रार्थना करो जैसे तुमने मुझे प्रार्थना करते देखा है।” (सहीह अल-बुखारी)

नए मुसलमानों के लिए औपचारिक प्रार्थना करने की एक सरल प्रक्रिया निम्नलिखित है। आप बाद में और अधिक जानेंगे।

इसके अलावा, आप कुछ मुसलमानों को थोड़ा अलग तरीके से प्रार्थना करते हुए देख सकते हैं। चिंता करने की कोई बात नहीं है। इस समय छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न दें। पहले मूल बातें सीखें जैसा कि यहां बताया गया है।

2 यूनिट (रकात) प्रार्थना का विवरण ( फज्र की प्रार्थना की तरह)

1. सीधे खड़े होना

·क़िबला (प्रार्थना की दिशा) की ओर मुंह करके सीधे खड़े हो जाएं।

2. शुरुआती तकबीर (अल्लाहु अकबर का उच्चारण)

·दोनों हाथों को कान की लौ या कंधों तक उठाएं और कहें:

Allahu akbar
अल्लाहु अकबर: ‘अल्लाह सबसे महान है।’

Prayer_for_Beginners_(Part_2_of_2)._001.jpg

चित्र 1

·अपने दाहिने हांथ और बाजू को अपने बाएं हांथ के ऊपर रखें और दोनों को अपनी छाती पर रखें।

·इधर-उधर न देखें। अपनी आंखों को उस जगह पर केंद्रित रखें जहां आप सज्दा करेंगे।

Prayer_for_Beginners_(Part_2_of_2)._002.jpg

चित्र 2

3. शैतान से अल्लाह की शरण लेना

·पढ़ो:

A'udhu billahi minash-shaytaanir-rajeem आउज़ु बिल्लाहि मिनाश शैतानीर रजीम: ‘मैं शैतान से अल्लाह की शरण चाहता हूं।’

4. सूरह अल-फातिहा पढ़ना,

यह पढ़ कर शुरू करें:

Bismilla-hir-rahma-nir-raheem बिस्मिल्ला-हिर-रहमा-निर-रहीम:
‘मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूं जो सबसे दयालु, दया का दाता है।’

·फिर Surah al-Fatihah सूरह अल-फ़ातिहा पढ़ें।

अल्हम्दु लिल्लाही रब्बिल आलमीन
‘सब खू़बियाँ अल्लाह के लिए जो मालिक है सारे जहान वालों का

अर्रहमान निर्रहीम
बहुत मेहरबान रहमत वाला

मालिकी यौमिद्दीन
न्याय के दिन का मालिक

इय्याका नअबुदु वइय्याका नस्तईन
हम तुझी को पूजते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं

इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम
हमको सीधा रास्ता चला

सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहिम
उनका रास्ता जिन पर तूने एहसान किया;

गै़रिल मग़दूबी अलैहिम
उनका रास्ता नही जिन पर तेरा प्रकोप हुआ

वलद दॉल्लीन
और न बहके हुओं का ’

·अंत में पढ़ें:

Aameen आमीन:
ऐ अल्लाह, कृपया स्वीकार करो।

5. झुकना

·अपने हाथों को कान की लौ या कंधों तक उठाएं (जैसा कि आपने नंबर 2, शुरुआती तकबीर में किया था ) और पढ़ें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर:
‘अल्लाह सबसे महान है।’

·अपनी पीठ को सीधा रखते हुए, चित्र 3 में दिखाए अनुसार झुकें, और धीमी आवाज में तीन बार पढ़ें:

Subhana rabbi-yal-'azeem सुब्हाना रब्बी-यल-'अज़ीम:
‘मेरा सर्वोच्च ईश्वर कितना पूर्ण है!’

Prayer_for_Beginners_(Part_2_of_2)._003.jpg

चित्र 3

6. झुकने की मुद्रा से खड़े हो जाना

·जैसा कि चित्र 4 में है, झुकने की मुद्रा से सीधे खड़े हो जाएं जब तक कि आपकी पीठ अपनी सामान्य सीधी स्थिति में न आ जाए।

·झुकने की मुद्रा से उठते समय, अपने हाथों को फिर से कान की लौ या कंधों तक उठाएं और पढ़ें:

Sami' allahu liman hamidah समी' अल्लाहु लिमन हमीदाह:
‘अल्लाह उसकी सुनता है जो उसकी स्तुति करता है।’

·फिर पढ़ें:

Rab-bana wa lakal hamd रब-बना व लकल हम्द:
हमारे ईश्वर, सभी स्तुति आपके लिए हैं।’

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चित्र 4

7. पहला सज्दा

·फिर सज्दा करने के लिए जमीन पर जाएं और नीचे जाते समय कहें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर:
‘अल्लाह सबसे महान है।’

·सज्दा करते समय आपका माथा, नाक, दोनों हाथ, घुटने और पैर जमीन को छूने चाहिए। यदि आप इसे पहली बार कर रहे हैं, तो यह थोड़ा असहज हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका शरीर कितना लचीला है! आपको बहुत जल्द इसकी आदत हो जाएगी। याद रखें कि व्यक्ति सज्दा में अल्लाह के सबसे करीब होता है।

·धीमी आवाज में तीन बार पढ़ें:

Subhana rabbi-yal-a'laa सुब्हाना रब्बी-यल-अला:
‘मेरा ईश्वर, परमप्रधान कितना पूर्ण है।’

Prayer_for_Beginners_(Part_2_of_2)._005.jpg

चित्र 5

8. 2 सज्दो के बीच बैठना

·अब आप पहले सज्दे से उठ कर बैठेंगे। जब तक आप एक आरामदायक स्थिति में न बैठ जाएं, तब तक पूरी तरह बैठें। बैठने के लिए उठते समय पढ़ें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर:
‘अल्लाह सबसे महान है।’

·दो सज्दो के बीच बैठकर पढ़े:

Rab-bigh-fir lee रब-बिग़-फ़िर ली:
‘हे मेरे रब! मुझे माफ़ कर दे।’

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चित्र 6

9. दूसरा सज्दा

·इसके बाद पुन: सज्दे की स्थिति में जाएं। सज्दा करने के लिए नीचे जाते समय पढ़ें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर:
अल्लाह सबसे महान है।

·इस सज्दे को पहले की ही तरह करें। धीमी आवाज में तीन बार पढ़ें:

Subhana rabbi-yal-a'laa सुब्हाना रब्बी-यल-अला:
मेरा ईश्वर, परमप्रधान कितना पूर्ण है।

·चरण 4-9 को अरबी में एक इकाई या रकात कहते हैं।

10. नमाज़ की अगली इकाई (रकात)

·नमाज की अगली इकाई के लिए फिर से सीधे खड़े हो जाएं। खड़े होते समय पढ़ें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर
अल्लाह सबसे महान है।

·चरण 4 से 9 फिर से दोहराएं।

11. बैठने की स्थिति में तशहुद पढ़ना

·इसके बाद बैठ जाएं। बैठते समय पढ़ें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर:
‘अल्लाह सबसे महान है।’

·बैठ के At-tahiy-yat… अत-तहीय-यात पढ़ें:

अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु, वत्त्तय्यिबातु
सभी तारीफ, प्रार्थना और अच्छे शब्द अल्लाह के लिए हैं

अस्सलामु 'अलैका' अय्युहं-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
ऐ पैगंबर, और अल्लाह की दया और उनके आशीर्वाद भी।

अस्सलामु 'अलेना व 'अला 'इबदिल्लाहिस-सालिहीन
शांति हम पर और अल्लाह के धर्मी दासों पर हो

अश-हदू 'अं-ला 'इलाहा 'इल्लल्लाह
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के अलावा कोई भी पूजा के लायक नही है

व 'अश-हदू 'अन्ना मुहम्मदन 'अब्दुहु व रसूलुहु
और मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद उनके गुलाम और दूत हैं

12. बैठने की स्थिति में पाठ (अंतिम बैठक में)

·बैठे हुए Allah humma sal-li 'ala Muhammad अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद पढ़ें:

अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद
‘ए अल्लाह बरकत उतार हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सल्लम पर

व अला आली मुहम्मद
और हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सल्लम के घर वालों पर

कमा सल्लैता अला इब्राहीम
जैसे बरकतें की तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम पर

व अला आली इब्राहीम
और हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के घर वालों पर

इन्नका हमीदुम मजीद
बेशक तु हि तारीफ़ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मद
ए अल्लाह आशीर्वाद दे हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम को

व अला आली मुहम्मद
और हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम के घर वालों को

कमा बारकता अला इब्राहीम
जैसे आशीर्वाद दिया तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को

व अला आली इब्राहीम
और हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के घर वालों को;

इन्नका हमीदुम मजीद
बेशक तु हि तारीफ़ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है’

13. प्रार्थना (नमाज) का समापन

·फिर अपना सिर दायीं और बायीं ओर घुमाएं और प्रार्थना समाप्त करें, सिर घुमाते हुए कहें।

As-salamu 'alikum wa rahmatullah अस-सलामु 'अलैकुम वा रहमतुल्लाह:
‘आप पर अल्लाह की शांति और दया हो।’

3 इकाई (रकात) वाली प्रार्थना का विवरण (मगरिब की नमाज)

3 ईकाई वाली नमाज़ में, चरण 1 से 11 तक करें, और फिर Allahu akbar अल्लाहु अकबर कहते हुए फिर से खड़े हो जाएं और चरण 4 से 9 दोहराएं और फिर चरण 11 से 13 तक दोहराएं।

4 इकाई (रकात) वाली प्रार्थना का विवरण (जैसे जुहर, असर और ईशा की नमाज)

4 इकाई वाली प्रार्थना में चरण 1 से 11 तक करें और फिर Allahu akbar अल्लाहु अकबर कहते हुए फिर से खड़े हो जाएं और चरण 4 से 13 दोहराएं।

याद करने वाले शब्द

प्रार्थना के लिए याद करने के लिए आवश्यक सभी शब्द यहां आपकी आसानी के लिए एकत्र किए गए हैं। कृपया कुछ समय निकालें और उन्हें याद करें। आप फ्लैश कार्ड भी बना सकते हैं और प्रार्थना करते समय सही शब्द कहने में उनका उपयोग कर सकते हैं।

(1) हर बार जब आप प्रार्थना में मुद्रा बदलें:

Allahu akbar अल्लाहु अकबर (झुक कर उठते समय को छोड़कर)
‘अल्लाह सबसे महान है।’

(2) शैतान से शरण लेना:

A'udhu billahi minash-shaytaanir-rajeem आउज़ु बिल्लाहि मिनाश शैतानीर रजीम: ‘मैं शैतान से अल्लाह की शरण चाहता हूं।’

(3) सूरह अल-फ़ातिहा:

यह पढ़ कर शुरू करें:

Bisimlla-hir-rahma-nir-raheem बिस्मिल्ला-हिर-रहमा-निर-रहीम:
‘मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूं जो सबसे दयालु, दया का दाता है।’

और फिर Surah al-Fatihah सूरह अल-फ़ातिहा पढ़ें:

अल्हम्दु लिल्लाही रब्बिल आलमीन
‘सब खू़बियाँ अल्लाह के लिए जो मालिक है सारे जहान वालों का

अर्रहमान निर्रहीम
बहुत मेहरबान रहमत वाला

मालिकी यौमिद्दीन
न्याय के दिन का मालिक

इय्याका नअबुदु वइय्याका नस्तईन
हम तुझी को पूजते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं

इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम
हमको सीधा रास्ता चला

सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहिम
उनका रास्ता जिन पर तूने एहसान किया;

गै़रिल मग़दूबी अलैहिम
उनका रास्ता नही जिन पर तेरा प्रकोप हुआ

वलद दॉल्लीन
और न बहके हुओं का…’

यह सूरह पढ़ने के बाद पढ़ें:

Aameen आमीन:
ऐ अल्लाह, कृपया स्वीकार करो

(4) झुकने की मुद्रा मे:

Subhana rabbi-yal-'azeem सुब्हाना रब्बी-यल-'अज़ीम:
‘मेरा सर्वोच्च ईश्वर कितना पूर्ण है!’

(5) झुकने की मुद्रा से खड़े होते हुए:

Sami' Allahu liman hamidah समी' अल्लाहु लिमन हमीदाह:
‘अल्लाह उसकी सुनता है जो उसकी स्तुति करता है।’

(6) खड़े होने के बाद:

Rab-bana wa lakal hamd रब-बना व लकल हम्द:
‘हमारे ईश्वर, सभी स्तुति आपके लिए हैं।’

(7) सज्दे मे:

Subhana rabbi-yal-a'laa सुब्हाना रब्बी-यल-अला:
‘मेरा ईश्वर, परमप्रधान कितना पूर्ण है।’

(8) सज्दो के बीच मे:

Rab-bigh-fir lee रब-बिग़-फ़िर ली:
‘हे मेरे रब! मुझे माफ़ कर दे।’

(9) जब आप दूसरी, तीसरी और चौथी इकाई में बैठे हों, At-tahiy-yat…अत-तहीय-यात पढ़ें:

अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलावातु, वत्त्तय्यिबातु
सभी तारीफ, प्रार्थना और अच्छे शब्द अल्लाह के लिए हैं

अस्सलामु 'अलैका' अय्युहं-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
ऐ पैगंबर, और अल्लाह की दया और उनके आशीर्वाद भी।

अस्सलामु 'अलेना व 'अला 'इबदिल्लाहिस-सालिहीन
शांति हम पर और अल्लाह के धर्मी दासों पर हो

अश-हदू 'अं-ला 'इलाहा 'इल्लल्लाह
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के अलावा कोई भी पूजा के लायक नही है

व 'अश-हदू 'अन्ना मुहम्मदन 'अब्दुहु व रसूलुहु
और मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद उनके गुलाम और दूत हैं

(10) प्रार्थना की अंतिम इकाई (रकात) में पढ़े जाने वाले अतिरिक्त शब्द, Allah humma sal-li 'ala Muhammad अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद:

अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद
‘ए अल्लाह बरकत उतार हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सल्लम पर

व अला आली मुहम्मद
और हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सल्लम के घर वालों पर

कमा सल्लैता अला इब्राहीम
जैसे बरकतें की तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम पर

व अला आली इब्राहीम
और हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के घर वालों पर

इन्नका हमीदुम मजीद
बेशक तु हि तारीफ़ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मद
ए अल्लाह आशीर्वाद दे हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम को

व अला आली मुहम्मद
और हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम के घर वालों को

कमा बारकता अला इब्राहीम
जैसे आशीर्वाद दिया तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को

व अला आली इब्राहीम
और हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के घर वालों को;

इन्नका हमीदुम मजीद
बेशक तु हि तारीफ़ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है’

(11) नमाज समाप्त करने के लिए:

As-salamu 'alikum wa rahmatullah अस-सलामु 'अलैकुम वा रहमतुल्लाह:
‘आप पर अल्लाह की शांति और दया हो।’

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