ड्रग्स, शराब और जुआ (2 का भाग 1)
विवरण: तीन व्यापक बुराइयों पर इस्लामी दृष्टिकोण को स्पष्ट करने वाला दो-भाग का पाठ: ड्रग्स, शराब और जुआ। भाग 1: नशीली दवाओं और शराब के बुरे परिणाम और उनके सेवन पर इस्लामी दृष्टिकोण।
द्वारा Imam Mufti (© 2013 NewMuslims.com)
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
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उद्देश्य
· मनुष्य के दिमाग और शरीर पर शराब पीने के प्रभाव को जानना।
·शराब और ड्रग्स पर क़ुरआन के छंद और पैगंबर मुहम्मद की हदीस जानना।
·शराब और ड्रग्स पर इस्लामी आदेश जानना।
अरबी शब्द
·हदीस - (बहुवचन - हदीसें) यह एक जानकारी या कहानी का एक टुकड़ा है। इस्लाम में यह पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों के कथनों और कार्यों का एक वर्णनात्मक रिकॉर्ड है।
·खम्र - कोई भी पेय, दवा या पदार्थ जिससे नशा होता है।
·नमाज - आस्तिक और अल्लाह के बीच सीधे संबंध को दर्शाने के लिए अरबी का एक शब्द। अधिक विशेष रूप से, इस्लाम में यह औपचारिक पाँच दैनिक प्रार्थनाओं को संदर्भित करता है और पूजा का सबसे महत्वपूर्ण रूप है।
·सूरह - क़ुरआन का अध्याय।
ड्रग्स और शराब
शराब पश्चिमी संस्कृति का एक हिस्सा है - इसका उपयोग उत्सवों और समाजीकरण में किया जाता है, और यह धार्मिक समारोहों की शोभा बढ़ाता है। अधिकांश अमेरिकी मानते हैं कि बहुत अधिक शराब पीने से दुर्घटनाएं और शराब पर निर्भरता हो सकती है। लेकिन यह बस एक छोटा सा हिस्सा है। इन गंभीर समस्याओं के अलावा, शराब का दुरुपयोग अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और कैंसर में योगदान कर सकता है। इसके अलावा, अमेरिका में हर साल शराब पीने से कॉलेज के 1,400 छात्रों की मृत्यु होती है[1] और सालाना 100,000 मौतों का कारण बनता है, जिससे यह तंबाकू और आहार/गतिविधि के बाद अमेरिका में होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण है।[2] 2007 मे अमेरिका में ड्रग्स से कुल 38,371 मौतें हुई थी।[3]
यह दिमाग के लिए क्या करता है, इसका उदाहरण देते हुए द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म कहता है,
“चलने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि, अस्पष्ट बोली, धीमी प्रतिक्रिया समय, खराब यादाश्त: स्पष्ट रूप से, शराब दिमाग को प्रभावित करती है। इनमें से कुछ दोषों का पता केवल एक या दो ड्रिंक्स के बाद पता चल जाता है और पीना बंद करने के कुछ देर बाद ही ठीक हो जाता है। दूसरी ओर, एक व्यक्ति जो लंबे समय तक भारी मात्रा में शराब पीता है, उसके दिमाग मे कमी हो सकती है जो शराब छोड़ने के बाद भी बनी रह सकती है। वास्तव में शराब दिमाग को कैसे प्रभावित करता है और दिमाग पर भारी शराब पीने के प्रभाव को खत्म करने की संभावना आज शराब अनुसंधान में गर्म विषय बनी हुई है।
हम जानते हैं कि भारी शराब पीने का मस्तिष्क पर व्यापक और दूरगामी प्रभाव हो सकता है, अस्थायी यादाश्त खोने से लेकर स्थायी और दुर्बल करने वाली स्थितियों तक, जिसमे आजीवन देख भाल की आवश्यकता होती है। और यहां तक कि सिमित शराब पीने से भी अल्पकालिक हानि होती है, जैसा कि शराब पी कर ड्राइविंग करने के प्रभाव पर व्यापक शोध द्वारा बताया गया है।”[4]
ड्रग्स और शराब पर निर्भरता अक्सर साथ-साथ चलती है। शोध से पता चला है कि जो लोग शराब पर निर्भर होते हैं, उनका ड्रग्स का उपयोग करने की अधिक संभावना हैं, और नशीली दवाओं पर निर्भर लोगों का शराब पीने की अधिक संभावना होती है।[5]
शराब के प्रगतिशील प्रभाव[6]
रक्त शराब एकाग्रता |
भावनाओं और व्यक्तित्व में परिवर्तन |
शारीरिक और मानसिक क्षति |
0.01 — 0.06 |
आराम |
सोच |
0.06 — 0.10 |
कुंद भावनाएं |
बिगड़ी हुई सजगता |
0.11 — 0.20 |
अति-अभिव्यक्ति |
प्रतिक्रिया समय |
0.21 — 0.29 |
व्यामोह |
गंभीर मोटर हानि |
0.30 — 0.39 |
गंभीर अवसाद |
ब्लैडर फंक्शन |
=> 0.40 |
अचेतन |
सांस |
हमारा खूबसूरत धर्म इस्लाम हमें ड्रग्स और शराब के बारे में मार्गदर्शन देता है। इस्लाम नशीले पदार्थों और शराब को निषिद्ध और वर्जित की श्रेणी में रखता है। किसी भी मात्रा में ड्रग्स या शराब का उपयोग करना मना है। सामाजिक रूप से थोड़ी सी भी शराब पीना पूरी तरह से मना है। शराब पी लेने पर, कम मात्रा में पीने की आदत जल्द ही एक लत में बदल जाती है।
क़ुरआन में अल्लाह ने ड्रग्स और शराब को मना किया है:
ऐ विश्वास करने वालो! निःसंदेह मदिरा, जुआ, देवस्थान और पासे शैतानी मलिन कर्म हैं, अतः इनसे दूर रहो, ताकि तुम सफल हो जाओ। शैतान तो यही चाहता है कि शराब (मदिरा) तथा जूए द्वारा तुम्हारे बीच बैर तथा द्वेष डाल दे और तुम्हें अल्लाह की याद तथा नमाज़ से रोक दे, तो क्या तुम रुकोगे या नहीं? (क़ुरआन 5:90-91)
जब इन छंदो को पैगंबर पर प्रकट किया गया था, तो एक घोषणा की गई थी, जिसके पास शराब है उसे पीने या बेचने से मना किया गया था। सभी बची हुई शराब को नष्ट करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद मदीना शहर की गलियों में शराब को बहा दिया गया था।
एक व्यक्ति ने पूछा कि क्या शराब को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पैगंबर ने कहा, "यह एक दवा नहीं है, यह एक बीमारी है।”[7]
पैगंबर ने कड़े शब्दों में शराब पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने कहा:
“वास्तव में, अल्लाह ने खम्र को शाप दिया है, वह जो इसे बनाता है, जिसके लिए इसे बनाया जाता है, जो इसे इस्तेमाल करता है, और जो इसे देता है, वह जो इसे ले जाता है, जिसके लिए इसे ले जाया जाता है। जो उसे बेचता है, जो उसे बेचकर कमाता है, वह जो इसे खरीदता है, और वह जिसके लिए वह खरीदा जाता है।” (तिर्मिज़ी, इब्न माजा)
इस्लाम से पहले के अरब के लोग शराब और शराब पीने के शौकीन थे। उनकी भाषा में शराब के सौ नाम थे। इस बुराई को मिटाने के लिए अल्लाह ने इस पर चरण दर चरण रोक लगाया।
पहले चरण में, अल्लाह ने शराब पीने और जुए को अस्वीकार किया (सूरह अल-बकराह 2:219)। दूसरे चरण में, लोगों को नशे की हालत में प्रार्थना करने से मना किया (सूरह अन-निसा 4:43)। तीसरे और अंतिम चरण में, पूरी तरह निषेध कर दिया (सूरह अल-मैदाह 5:90-91)।
वो सभी पेय, दवा, पाउडर या पदार्थ वर्जित है जिससे नशा होता है। अल्लाह के पैगंबर ने कहा, "हर नशा खम्र है, और हर खम्र वर्जित है।" (सहीह मुस्लिम)
उन्होंने यह भी कहा, 'जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से नशा होता है, उसका सेवन कम मात्रा में भी वर्जित है।' (अबू दाऊद और तिर्मिज़ी)
इसका मतलब यह है कि किसी भी मादक पेय का एक घूंट या थोड़ी मात्रा में ड्रग्स लेना भी मना है।
फुटनोट:
[1] (http://articles.cnn.com/2002-04-09/health/college.drinking_1_college-students-binge-drinking-student-deaths?_s=PM:HEALTH)
[2] जे मैकगिनिस और डब्ल्यू फोएज, 'एक्चुअल कॉज ऑफ़ डेथ इन दी यूनाइटेड स्टेट,' जर्नल ऑफ़ दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन, वॉल्यूम 270, नंबर 18, 11/10/93, पृष्ठ 2208
[3] (http://www.cdc.gov/mmwr/preview/mmwrhtml/su6001a12.htm#tab)
[4] (http://pubs.niaaa.nih.gov/publications/aa63/aa63.htm)
[5] (http://pubs.niaaa.nih.gov/publications/AA76/AA76.htm)
[6] (http://www.alcohol.vt.edu/students/alcoholeffects/index.htm)
[7] तिर्मिज़ी, अबू दाऊद
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