स्वास्थ्य और फ़िटनेस (2 का भाग 1)
विवरण: इस्लाम में आहार और पोषण के बारे में संक्षिप्त दिशानिर्देश।
द्वारा Aisha Stacey (© 2017 IslamReligion.com)
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
प्रिंट किया गया: 24 - ईमेल भेजा गया: 0 - देखा गया: 2,396 (दैनिक औसत: 3)
उद्देश्य
·यह समझना कि इस्लाम जीवन जीने का एक तरीका है और सभी आध्यात्मिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं।
अरबी शब्द
·हलाल - अनुमेय।
·हराम - वर्जित या निषिद्ध।
·सुन्नत - अध्ययन के क्षेत्र के आधार पर सुन्नत शब्द के कई अर्थ हैं, हालांकि आम तौर पर इसका अर्थ है जो कुछ भी पैगंबर ने कहा, किया या करने को कहा।
·इबादत - पूजा।
·दीन - इस्लामी रहस्योद्घाटन पर आधारित जीवन जीने का तरीका; मुसलमान की आस्था और आचरण का कुल योग। दीन का प्रयोग अक्सर आस्था, या इस्लाम धर्म के लिए किया जाता है।
परिचय
जब ईश्वर ने मनुष्य बनाये तो उन्होंने एक उद्देश्य के साथ ऐसा किया। हम अपने निर्माता की पूजा करने के लिए बनाए गए थे और इस वजह से ईश्वर ने मार्गदर्शन देने के लिए पैगंबर, दूत और रहस्योद्घाटन भेजा। इस्लाम पूरी मानवजाति के लिए धर्म है और इसका मार्गदर्शन हर समय और है परिस्थितियों में सभी जगहों पर लागू होता है। कई अन्य धर्मों के विपरीत, इस्लाम जीवन का एक संपूर्ण तरीका है; इस्लाम धर्म सप्ताह में सिर्फ एक दिन या सिर्फ समय होने पर पालन करने वाला धर्म नही है। इस्लाम जीवन का एक समग्र तरीका है जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है और खराब स्वास्थ्य से निपटने के तरीके और साधन प्रदान करता है। इस्लाम हमें पूरे शरीर के बारे में चिंतित होना सिखाता है, इस प्रकार स्वास्थ्य तीन भागों से बना है, आध्यात्मिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य और ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं।
पोषण
इस्लाम का दीन स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है जिसमें अपने शरीर के साथ अच्छा व्यवहार करना और हलाल पौष्टिक खाद्य पदार्थों से इसका पोषण करना शामिल है। अल्लाह हमसे उम्मीद करता है कि हम स्वस्थ भोजन चुनें और ऐसे भोजन से बचें जिसमें बहुत कम या कोई पोषण मूल्य न हो। वह कहता है, "...धरती में जो ह़लाल (वैध) स्वच्छ चीज़ें हैं, उन्हें खाओ ..." (क़ुरआन 2:168) और " उन स्वच्छ चीज़ों में से खाओ, जो हमने तुम्हें दी हैं " (क़ुरआन 2:172)।
अल्लाह हमें स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रोत्साहित करता है और साथ ही अल्लाह को याद करने और शैतान की चाल से बचने के लिए चेतावनी देता है। "हे मानव जाति, धरती में जो ह़लाल (वैध) स्वच्छ चीज़ें हैं, उन्हें खाओ और शैतान की बताई राहों पर न चलो, वह तुम्हारा खुला शत्रु है।” (क़ुरआन 2:168)
स्वस्थ भोजन और भोजन के पोषण मूल्यों पर ध्यान देने से हमारी भूख संतुष्ट होती है और हमारे इबादत की गुणवत्ता पर प्रभाव डालती है। कब्ज या अपच से पीड़ित होने पर हमारी पूजा में गंभीर रूप से बाधा पड़ सकती है। इसी तरह ऊर्जा की अनुभूति हमारी उपासना को एक आनंदमय अनुभव बना सकती है। क़ुरआन हमें इसके लिए कोई सूची नहीं देता है, लेकिन यह हमें बताता है कि अल्लाह ने कौन-कौन से हलाल खाद्य पदार्थ प्रदान किए हैं।
1.मांस - " तथा चौपायों की उत्पत्ति की, जिनमें तुम्हारे लिए गर्मी और बहुत-से लाभ हैं और उनमें से कुछको खाते हो।” (क़ुरआन l6:5)
2.मछली और समुद्री भोजन - "और वही है, जिसने सागर को वश में कर रखा है, ताकि तुम उससे ताज़ा मांस खाओ" (क़ुरआन 16:14)। "तथा तुम्हारे लिए जल का शिकार और उसका खाद्य ह़लाल (वैध) कर दिया गया है..." (क़ुरआन 5:96)
3.फल और सब्जियां - "वही है, जिसने आकाश से जल बरसाया, और तुम्हारे लिए उससे खेती उपजाता है और ज़ैतून, खजूर, अंगूर और प्रत्येक प्रकार के फल" (क़ुरआन 16:11)। "अल्लाह वही है, जिसने बेलों वाले तथा बिना बेलों वाले बाग़ पैदा किये तथा खजूर और खेत, जिनसे विभिन्न प्रकार की पैदावार होती है और ज़ैतुन तथा अनार समरूप तथा स्वाद में विभिन्न, इसका फल खाओ, जब फले..." (क़ुरआन 6:141)
4.दूध - “तथा वास्तव में, तुम्हारे लिए पशुओं में एक शिक्षा है। हम तुम्हें उससे, जो उसके भीतर है, गोबर तथा रक्त के बीच से शुध्द दूध पिलाते हैं, जो पीने वालों के लिए रुचिकर होता है” (क़ुरआन 16:66)
5.शहद - "उसके भीतर से एक पेय निकलता है, जो विभिन्न रंगों का होता है, जिसमें लोगों के लिए आरोग्य है..." (क़ुरआन 16:69)
6.अनाज - "...तथा उन के लिए एक निशानी है निर्जीव (सूखी) धरती। जिसे हमने जीवित कर दिया और हमने निकाले उससे अन्न, तो तुम उसीमें से खाते हो।" (क़ुरआन 36:33)
पूरे क़ुरआन और पैगंबर मुहम्मद (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) की सुन्नत में हम कई ऐसी जगह देखने को मिलते हैं जहां पौष्टिक भोजन और अच्छे स्वास्थ्य को जोड़ा गया है। हलाल भोजन हमारे शरीर को पोषण देते हैं और बीमारियों और चोटों को ठीक करने में सहायता करता है। क़ुरआन और सुन्नत से सिर्फ तीन उत्तम भोजन निम्नलिखित हैं जो हलाल तरीके से हमारे शरीर को पोषण देने के लाभों की पुष्टि करते हैं।
1.शहद - "शहद हर बीमारी का इलाज है और क़ुरआन मन की सभी बीमारियों का इलाज है, इसलिए मै आपको दो उपाय सुझाता हूं, क़ुरआन और शहद।" शहद में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) शहद को संभावित रूप से मूल्यवान औषधीय पदार्थ के रूप में सूजी हुई श्लेष्म झिल्ली को ठीक करने और इस प्रकार खांसी के इलाज मानता है। न्यूजीलैंड में वाइकाटो विश्वविद्यालय में हनी रिसर्च यूनिट के निदेशक पीटर मोलन ने कहा, "सभी शहद जीवाणुरोधी होते हैं क्योंकि मधुमक्खियां हाइड्रोजन पेरोक्साइड बनाने वाले एंजाइम को जोड़ती हैं।
2.खजूर - खजूर पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं; वे कब्ज, पेट खराब या दस्त के इलाज में सहायता करते हैं। ये आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, इस प्रकार एनीमिया के इलाज और रोकथाम का एक उत्कृष्ट तरीका है, और वे हमारी हड्डियों, रक्त और प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। खजूर में कम से कम 15 खनिज होते हैं, जिनमें सेलेनियम भी शामिल है, एक ऐसा तत्व जो कैंसर को रोकने में मदद करता है और प्रतिरक्षा शक्ति में महत्वपूर्ण है।[1] पैगंबर मुहम्मद ने हमें खजूर खाकर अपना उपवास तोड़ने की सलाह दी क्योंकि वे शुद्ध करते हैं।[2]
3.जैतून - जैतून में विटामिन ई और अन्य शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट अधिक मात्रा में होते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि वे दिल के लिए अच्छे हैं, और ऑस्टियोपोरोसिस और कैंसर से बचा सकते हैं। इसके अलावा, जैतून में पाए जाने वाले कई फाइटोन्यूट्रिएंट्स में अच्छी तरह से प्रलेखित एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। पूरे जैतून के अर्क को सेलुलर स्तर पर एंटी-हिस्टामाइन के रूप में कार्य करने वाला बताया गया है।[3] पैगंबर मुहम्मद ने हमें सलाह दी कि "तेल खाओ और इसे अपने बालों और त्वचा पर इस्तेमाल करो, क्योंकि यह एक धन्य पेड़ का है।[4]
वास्तव में बहुत कम खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो हराम हैं। "तुमपर मुर्दार ह़राम (अवैध) कर दिया गया है तथा (बहता हुआ) रक्त, सूअर का मांस, जिसपर अल्लाह से अन्य का नाम पुकारा गया हो..." (क़ुरआन 5:3) "... और नशीला पदार्थ" (क़ुरआन 5:91-92)। क़ुरआन और सुन्नत में वर्णित कुछ चीज़ों के अलावा, बाकी सब कुछ वैध माना जाता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हम कुछ भी खा सकते हैं और अपने शरीर के साथ गलत व्यवहार कर सकते हैं जो अल्लाह की तरफ से एक भरोसा है।
खुराक
जबकि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, चीनी और जंक फूड वर्जित नहीं हैं, उन्हें संतुलित आहार के हिस्से के रूप में कम से कम खाना चाहिए। आज सबसे आम बीमारियों में से कई अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों से उत्पन्न होती हैं। कोरोनरी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा और अवसाद, और 21वीं सदी की विपत्तियां, सभी को अपर्याप्त आहार से जोड़ा गया है। एक स्वस्थ आहार में उन सभी अच्छे खाद्य पदार्थों का मिश्रण होता है जो अल्लाह ने हमारे लिए प्रदान किए हैं। हालांकि हमें किसी भी चीज़ का अत्यधिक इस्तेमाल नही करना चाहिए। बहुत अधिक भोजन करने वाला व्यक्ति अस्वस्थ हो सकता है, जिसकी वजह से वह अपने दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ हो सकता है। इसी तरह, जो कोई बहुत कम या पर्याप्त पौष्टिक भोजन नहीं खाता है, वह भी अस्वस्थ हो जाएगा जिससे उसकी इबादत को नुकसान होगा।
पैगंबर मुहम्मद ने मानवजाति को दो चरम सीमाओं के बीच संतुलन बनाए रखने और अपना पेट अत्यधिक न भरने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “कोई भी आदमी अपने पेट से बदतर बर्तन नहीं भरता। कुछ निवाले ही काफी हैं। हालांकि अगर कोई व्यक्ति इससे अधिक खाता है, तो उसे पेट का एक तिहाई भोजन करना चाहिए, एक तिहाई पानी पीना चाहिए और एक तिहाई को आराम से सांस लेने के लिए छोड़ देना चाहिए”[5]
फुटनोट:
[1] http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed?term=Phoenix%20dactylifera%20cancer खजूर का फल: भविष्य के लिए सर्वोत्तम भोजन के रूप में इसका संभावित उपयोग? नवंबर 2012
[2] इमाम अहमद
[3] चंडक आर, देवधे एस और चंगेडिया वी। ओलिया-यूरोपिया के पके जैतून के जलीय अर्क की हिस्टामिनिक गतिविधि का मूल्यांकन। जर्नल: जर्नल ऑफ़ फार्मेसी रिसर्च वर्ष: 2009 खंड: 2 अंक: 3 पृष्ठ/रिकॉर्ड संख्या: 416-420। 2009.
[4] अत-तिर्मिज़ी
[5] इमाम अहमद
पिछला पाठ: मीडिया स्टीरियोटाइपिंग को समझना
अगला पाठ: स्वास्थ्य और फ़िटनेस (2 का भाग 2)
- जिहाद क्या है?
- पैगंबर आदम: मानवजाति की शुरुआत (2 का भाग 1)
- पैगंबर आदम: मानवजाति की शुरुआत (2 का भाग 2)
- सूरह अज़-ज़ल्ज़ला की व्याख्या
- पैगंबर मुहम्मद की नैतिकता (2 का भाग 1)
- पैगंबर मुहम्मद की नैतिकता (2 का भाग 2)
- पर्यावरण का संरक्षण
- इस्लाम में अपराध और सजा (2 का भाग 1)
- इस्लाम में अपराध और सजा (2 का भाग 2)
- भूलने का सजदा
- हदीस शब्दावली का परिचय
- पैगंबर मुहम्मद की विस्तृत जीवनी - मदीना अवधि (3 का भाग 1)
- पैगंबर मुहम्मद की विस्तृत जीवनी - मदीना अवधि (3 का भाग 2)
- पैगंबर मुहम्मद की विस्तृत जीवनी - मदीना अवधि (3 का भाग 3)
- सृजन की कहानी (2 का भाग 1)
- सृजन की कहानी (2 का भाग 2)
- अंतिम संस्कार (2 का भाग 1)
- अंतिम संस्कार (2 का भाग 2)
- इस्लामी वसीयत और विरासत (2 का भाग 1)
- इस्लामी वसीयत और विरासत (2 का भाग 2)
- पैगंबर के कथन: ईमानदारी
- मीडिया स्टीरियोटाइपिंग को समझना
- स्वास्थ्य और फ़िटनेस (2 का भाग 1)
- स्वास्थ्य और फ़िटनेस (2 का भाग 2)
- अंतरंग मुद्दे
- इस्लाम कुछ विचित्र के रूप में शुरू हुआ