उपवास कैसे करें
विवरण: उपवास के विषय पर एक विस्तृत पाठ; इसके प्रकार, दायित्व, विधि और छूट, साथ ही महिलाओं के लिए विशेष नियम।
द्वारा NewMuslims.com
प्रकाशित हुआ 08 Nov 2022 - अंतिम बार संशोधित 07 Nov 2022
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आवश्यक शर्तें
·उपवास का परिचय।
उद्देश्य
·इस्लाम में उपवास के प्रकारों को जानना।
·रमजान के उपवास के दायित्व को समझना।
·यह जानना कि कौन उपवास नही कर सकता।
·रमजान में उपवास करने का तरीका जानना।
·यह जानना कि उपवास के दौरान किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
·मुस्लिम महिलाओं के लिए विशेष नियमों को जानना।
अरबी शब्द
·रमजान - इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना। यह वह महीना है जिसमें अनिवार्य उपवास निर्धारित किया गया है।
·नमाज - आस्तिक और अल्लाह के बीच सीधे संबंध को दर्शाने के लिए अरबी का एक शब्द। अधिक विशेष रूप से, इस्लाम में यह औपचारिक पाँच दैनिक प्रार्थनाओं को संदर्भित करता है और पूजा का सबसे महत्वपूर्ण रूप है।
·ज़कात - अनिवार्य दान।
·फज्र, जुहर, अस्र, मगरिब, ईशा - इस्लाम में पांच दैनिक प्रार्थनाओं के नाम।
·तरावीह - ये रमज़ान मे ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़ हैं, जिसमें क़ुरआन के लंबे हिस्से पढ़े जाते हैं।
·इफ्तार - उपवास तोड़ने के लिए भोजन।
·सुहूर - उपवास करने से पहले मुसलमानों द्वारा खाया जाने वाला भोजन।
उपवास के प्रकार
पहली बात तो यह जान लें कि उपवास दो प्रकार का होता है: अनिवार्य और स्वैच्छिक। अनिवार्य उपवास एक आवश्यक पूजा है - एक मुसलमान के पास इसे छोड़ने का विकल्प नहीं है, इसे छोड़ने पर पाप होता है। स्वैच्छिक उपवास वैकल्पिक होते हैं - एक मुसलमान उन्हें कर भी सकता है या नही भी कर सकता। यदि वो नहीं करता, तो उसे कोई पाप नहीं लगेगा, लेकिन ये उपवास करने पर उसे अतिरिक्त इनाम मिलेगा। इस पाठ में हम सिर्फ सबसे महत्वपूर्ण यानि अनिवार्य उपवासों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो रमजान के महीने में रखे जाते हैं।
रमजान में उपवास
रमजान में उपवास इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है जैसा कि पैगंबर ने कहा:
“इस्लाम पांच स्तंभों पर बना है: यह गवाही देना कि अल्लाह के अलावा कोई सच्चा ईश्वर नहीं है और मुहम्मद उनके दूत हैं, नमाज़ की स्थापना करना, ज़कात देना, रमज़ान का उपवास और मक्का की तीर्थयात्रा।” (सहीह अल-बुखारी)
रमजान में उपवास करना हर उस मुसलमान पर फर्ज है जो बालिग है। क़ुरआन में अल्लाह ने कहा:
“अतः जो व्यक्ति इस महीने में उपस्थित हो, वह उसका उपवास रखे” (क़ुरआन 2:185)
जो कोई रमज़ान के दौरान बिना किसी वैध कारण के उपवास नहीं करता, वह एक बड़ा पाप माना जाता है।
उपवास से किसको छूट है?
(1) एक मुस्लिम बच्चा जो अभी तक बालिग नहीं हुआ है, बालिग होने के निम्नलिखित लक्षणों में से कोई एक दिखने से पहले तक उपवास से छूट दी गई है:
(ए) वीर्य का निकलना, चाहे स्वप्नदोष से या दूसरे कारणों से
(बी) जननांगो पर बाल उगना
(सी) मासिक धर्म
(डी) 15 वर्ष की आयु होने पर
(2) यदि आप रमजान में यात्रा कर रहे हैं, तो आपके पास उपवास न करने का विकल्प है। यदि आप नहीं करते हैं, तो आपको अगले रमजान से पहले तक छूटे हुए उपवासो की भरपाई करनी चाहिए।
(3) एक महिला को मासिक धर्म या प्रसवोत्तर रक्तस्राव के दौरान उपवास करने की अनुमति नहीं है, और उसे अगले रमजान से पहले छूटे हुए उपवासों को पूरा करना होगा।
(4) गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला को उपवास से छूट दी जा सकती है यदि यह उसके या शिशु के लिए हानिकारक हो। इस मामले पर नीचे और अधिक विस्तार से चर्चा की गई है।
(5) मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को भी उपवास से छूट प्राप्त है।
(6) दयालु ईश्वर किसी आत्मा पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालता है। बीमार लोगों को भी उपवास से छूट प्राप्त है।
यहां जानने के लिए दो मुद्दे हैं:
पहला, बीमार कितना बीमार है? खांसी या मामूली सिरदर्द इतना गंभीर नहीं है कि उपवास न किया जाए, लेकिन यदि कोई चिकित्सीय कारण है, और आप अपने अनुभव से जानते हैं या निश्चित हैं कि उपवास आपकी बीमारी को बदतर बना देगा या ठीक होने में देरी करेगा, तो आपको उपवास करने की आवश्यकता नहीं है।
दूसरा, आपको छूटें उपवासों की भरपाई करनी चाहिए जब आप ठीक हो जाएं।
लंबे समय से बीमार लोग जिन्हें नही लगता की वो ठीक हो पाएंगे, उन्हें रमज़ान के हर उपवास के बदले एक गरीब व्यक्ति को खाना खिलाना चाहिए। उन्हें छूटे हुए उपवासो के लिए अन्य दिनों मे उपवास करने की आवश्यकता नहीं है।
(8) अधिक बूढ़े लोगों को भी उपवास करने से छूट दी गई है, और उन्हें भी रमजान के हर उपवास के बदले एक गरीब व्यक्ति को खाना खिलाना चाहिए।
मैं रमजान में उपवास कैसे करूं?
सबसे पहले, अपनी स्थानीय मस्जिद मे फ़ोन कर के या वहां जा के रमज़ान की शुरुआत का पता लगाएं। आमतौर पर, मस्जिदें रमज़ान के लिए एक विशेष सारणी छापती हैं जिसमे उपवास शुरू करने और समाप्त करने का समय (क्रमशः फज्र और मग़रिब का समय) और शायद तरावीह की नमाज़ का समय भी होता है।
दूसरा, उपवास करने से पहले की रात अपने दिल में इरादा करें कि आप अगले दिन उपवास करेंगे, जैसा पैगंबर (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) ने कहा:
“उस व्यक्ति के लिए कोई उपवास नहीं है जिसने इससे पहले की रात को उपवास करने का इरादा नहीं किया।” (अन-नासाई)
इसका विचार यह है कि आप अपने आप को याद दिलाएं कि आप अपने निर्माता की खुशी के लिए उपवास कर रहे हैं।
महीना: 9/1426, 10-11/ 2005सी.ई.
स्थान: सिएटल, डब्ल्यू. ए., यूएसए
गणना विधि: आई एस एन ए
न्यायिक विधि: स्टैण्डर्ड
दिन |
रमजान |
ग्रेगोरियन |
फज्र |
सूर्योदय |
जुहर |
अस्र |
मग़रिब |
ईशा |
मंगल |
1 |
4/10 |
5:50 |
7:12 |
12:58 |
4:05 |
6:43 |
8:07 |
बुध |
2 |
5/10 |
5:52 |
7:14 |
12:58 |
4:04 |
6:41 |
8:05 |
गुरु |
3 |
6/10 |
5:53 |
7:15 |
12:58 |
4:02 |
6:39 |
8:03 |
शुक्र |
4 |
7/10 |
5:54 |
7:17 |
12:58 |
4:01 |
6:37 |
8:01 |
शनि |
5 |
8/10 |
5:56 |
7:18 |
12:57 |
3:59 |
6:35 |
7:59 |
रवि |
6 |
9/10 |
5:57 |
7:20 |
12:57 |
3:58 |
6:33 |
7:57 |
सोम |
7 |
10/10 |
5:59 |
7:21 |
12:57 |
3:56 |
6:31 |
7:55 |
दूसरा, फज्र के समय से पहले उठें और सुबह से पहले का भोजन करें जिसे सुहूर कहा जाता है। आपने सुना होगा कि भारतीय और पाकिस्तानी सुहूर को सेहरी कहते हैं। कुछ कैलेंडर ऐसे समय बताते हैं जब आपको फज्र से पहले खाना बंद कर देना चाहिए । इसका वास्तव में कोई आधार नहीं है और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए, क्योंकि स्पष्ट ग्रंथों से पता चलता है कि खाने और पीने की अनुमति फज्र के समय तक है। गलती से बचने के लिए फज्र के समय से कुछ मिनट पहले खाना-पीना बंद कर सकते हैं, क्योंकि अधिकांश लोग समय सारिणी का उपयोग करते हैं और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उनकी घड़ियाँ 100% सही हैं। अपने आप को खाने-पीने के लिए पर्याप्त समय दें, क्योंकि यदि आप फज्र के बाद उठते हैं, तो आप अपना सुबह का भोजन नहीं कर सकते हैं और दिन भर खाली पेट उपवास करना पड़ता है! यदि आप फज्र की नमाज़ के समय और सूर्योदय के बाद उठते हैं, तो आपको शेष दिन के लिए उपवास करना चाहिए, और उपवास फिर भी वैध होगा।
तीसरा, आपको उन चीजों से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए जो उपवास को तोड़ती हैं और अमान्य करती हैं, जिनके बारे मे नीचे बताया गया है। यह मूल रूप से कुछ खाना, पीना या वैवाहिक संबंध है।
चौथा, मग़रिब या शाम की नमाज़ का समय सूरज डूबने से शुरू होता है। यह वह समय होता है जब आप अपना उपवास 'समाप्त' करते हैं और खाना-पीना फिर से शुरू कर सकते हैं। इस भोजन को 'इफ्तार' कहते हैं। पैगंबर पहले अपना उपवास तोड़ते थे, भले ही वो सिर्फ पानी पियें, और फिर शाम या मग़रिब की नमाज पढ़ते थे। आप इस समय या बाद में रात का खाना खाने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं, हालांकि, खाना खाने में व्यस्त होने के कारण आपको मगरिब की नमाज़ नही छोड़नी चाहिए!
उपवास के दौरान मैं क्या नहीं कर सकता?
आप अनिवार्य रूप से भोर से (फज्र के समय से) सूर्यास्त तक (मग़रिब के समय तक) उपवास करते हैं। भोर से शाम तक आपको इन चीजों से दूर रहना चाहिए:
·खाना या पीना, जिसमें गोलियां या मौखिक दवाएं लेना शामिल है। अगर आपने गलती से खा लिया या पी लिया, यानी आप भूल गए कि आप उपवास कर रहे थे, तो चिंता न करें बचे हुए दिन के लिए परहेज करना जारी रखें। इसको माफ़ किया गया है, और उपवास वैध होगा। दया के पैगंबर (उन पर अल्लाह की दया और आशीर्वाद हो) ने कहा:
“यदि वह भूल जाता है, और खा या पी लेता है, तो उसे अपना उपवास पूरा करने दो, क्योंकि उसे अल्लाह ने खिलाया और पिलाया है।” (सहीह अल-बुखारी)
·संभोग, चाहे स्खलन हो या नहीं, उपवास को अमान्य कर देता है। उपवास के इस सबसे गंभीर उल्लंघन से सावधान रहें, इससे पाप और भारी दंड मिलता है। इसी कारण से, चुंबन को भी मना किया गया है यदि ऐसा करने में जोखिम है कि इससे संभोग हो जाएगा। यह सिर्फ उन दिनों के लिए है जब आप उपवास कर रहे होते हैं। रात में कोई प्रतिबंध नहीं हैं। विस्तार से, हस्तमैथुन भी उपवास को अमान्य कर देता है।
·खुद से उल्टी करना उपवास को बर्बाद कर देता है जैसा कि पैगंबर ने कहा:
“जो कोई अनजाने में उल्टी करता है, उसे बाद में उपवास नहीं करना पड़ता है, लेकिन जो जानबूझकर उल्टी करता है उसे उपवास करना पड़ता है।” (अल-तिर्मिज़ी)
·धूम्रपान भी उपवास को अमान्य करता है, धूम्रपान हर समय निषिद्ध है।[1]
महिलाओं के लिए विशेष नियम
(1) मासिक धर्म और प्रसवोत्तर रक्तस्राव
यदि मासिक धर्म सूर्यास्त से पहले शुरू हो जाता है, तो महिला का उपवास अमान्य हो जाता है और उसे उस दिन के उपवास को बाद मे पूरा करना होता है। अपने मासिक धर्म के दौरान वह उपवास नहीं कर सकती। अगर वह फज्र से पहले पवित्र हो जाती है तो उसे उपवास रखना चाहिए, भले ही वह फज्र शुरू होने तक न नहाई हो। रमज़ान के बाद छूटे हुए सभी उपवास की भरपाई करनी होगी।
(2) गर्भावस्था और स्तनपान
स्तनपान कराने वाली और गर्भवती महिलाओं दोनों को रमजान में उपवास रखना जरूरी है। यदि उपवास करने पर आपको अपने या अपने बच्चे के लिए नुकसान का डर है, या यदि यह शारीरिक रूप से बहुत कठिन है तो आपको उपवास नहीं करना चाहिए। दूसरी ओर, यदि उपवास करने से कठिनाई या नुकसान नहीं होता है, तो गर्भवती या दूध पिलाने वाली मां को उपवास करना चाहिए।
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फुटनोट:
[1]उपवास किन चीजों से टूटता है या नही टूटता है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप देख सकते हैं: http://islamqa.info/en/cat/298, और http://islamqa.info/en/cat/464.
पिछला पाठ: उपवास का परिचय
अगला पाठ: ईद और रमजान की समाप्ति
- आओ मुहम्मद के बारे मे जानें (2 का भाग 1)
- आओ मुहम्मद के बारे मे जानें (2 का भाग 2)
- पवित्र क़ुरआन का संरक्षण
- प्रार्थना (नमाज) का महत्व
- अनुष्ठान स्नान (ग़ुस्ल) का शिष्टाचार
- वुज़ू (वूदू)
- नए मुसलमानों के लिए प्रार्थना (2 का भाग 1): प्रार्थना करने से पहले
- नए मुसलमानों के लिए प्रार्थना (2 का भाग 2): प्रार्थना का विवरण
- प्रार्थना के आध्यात्मिक लाभ
- नमाज़ के चिकित्सा लाभ
- पेशाब या शौच करने का तौर-तरीका
- माहवारी
- इस्लाम के आहार कानून का परिचय
- मुस्लिम परिवार से परिचय (2 का भाग 1)
- मुस्लिम परिवार से परिचय (2 का भाग 2)
- ईश्वर के प्रति प्रेम और उसे कैसे प्राप्त करें (2 का भाग 1)
- ईश्वर के प्रति प्रेम और उसे कैसे प्राप्त करें (2 का भाग 2)
- उपवास का परिचय
- उपवास कैसे करें
- ईद और रमजान की समाप्ति
- अल्लाह कहां है?
- इब्राहिम (2 का भाग 1)
- इब्राहिम (2 का भाग 2)
- सूरह अल-फातिहा की सरल व्याख्या
- क़ुरआन के तीन छोटी सूरह की सरल व्याख्या